मंगलवार, 1 सितंबर 2009

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हाँ , ना , नाही , पतानही

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मेरी असलियत ???



अगर रख सको तो एक निशानी हूँ मैं,खो दो तो सिर्फ एक कहानी हूँ मैं ,रोक पाए न जिसको ये सारी दुनिया,वोह एक बूँद आँख का पानी हूँ मैं.....सबको प्यार देने की आदत है हमें,अपनी अलग पहचान बनाने की आदत है हमे,कितना भी गहरा जख्म दे कोई,उतना ही ज्यादा मुस्कराने की आदत है हमें...इस अजनबी दुनिया में अकेला ख्वाब हूँ मैं,सवालो से खफा छोटा सा जवाब हूँ मैं,जो समझ न सके मुझे, उनके लिए "कौन"जो समझ गए उनके लिए खुली किताब हूँ मैं,आँख से देखोगे तो खुश पाओगे,दिल से पूछोगे तो दर्द का सैलाब हूँ मैं,,,,,"अगर रख सको तो निशानी, खो दो तो सिर्फ एक कहानी हूँ आसमाँ से ऊपर....एक उड़ान की 'ख़्वाहिश' है..!!जहाँ हो हर क़दम सितारों पर....उस ज़मीन की 'ख़्वाहिश' है..!!जहाँ पहचान हो मेरे वजूद की....उस नाम की 'ख़्वाहिश' है..!!जहाँ खुदा भी आके मुझसे पूँछे...."बता, क्या लिखूं तेरे मुक्क़दर में..?"उस मुकाम की 'ख़्वाहिश' है..!!उस मुकाम की 'ख़्वाहिश' है......

शनिवार, 21 फ़रवरी 2009

Ek din “JINDAGI” us mukam par pahoch jayegi,DOSTI to sirf yaadon main reh jayegi…।Har cup coffee YAAD doston ki dilayegi,Aur haste haste “AANKH” nam ho jayegi…।Office ke “CHAMBER” main classroom nazar aayenge,Par chahne par bhi “PROXY” nahi lag payegi…।PAISA to bahot hoga sab ke pass,Par LUTANE ki wajah kho jayegi…।Ji le iss pal ko khulke mere YAAR,Kyon ki “ Jindagi Iss Pal Ko Firse Nahi DOHRAYEGI

गुरुवार, 19 फ़रवरी 2009

यादे .....................

हिचकियों से एक बात का पता चलता हैकि कोई हमे याद तो करता हैबात न करे तो क्या हुआकोई आज भी हम पर कुछ लम्हे बरबाद तो करता हैज़िंदगी हमेशा पाने के लिए नही होतीहर बात समझाने के लिए नही होतीयाद तो अक्सर आती है आप कीलकिन हर याद जताने के लिए नही होतीमहफिल न सही तन्हाई तो मिलती हैमिलन न सही जुदाई तो मिलती हैकौन कहता है मोहब्बत में कुछ नही मिलतावफ़ा न सही बेवफाई तो मिलती हकितनी जल्दी ये मुलाक़ात गुज़र जाती हैप्यास भुजती नही बरसात गुज़र जाती हैअपनी यादों से कह दो कि यहाँ न आया करेनींद आती नही और रात गुज़र जाती हैउमर की राह मे रस्ते बदल जाते हैंवक्त की आंधी में इन्सान बदल जाते हैंसोचते हैं तुम्हें इतना याद न करेंलेकिन आंखें बंद करते ही इरादे बदल जाते हैंकभी कभी दिल उदास होता हैहल्का हल्का सा आँखों को एहसास होता हैछलकती है मेरी भी आँखों से नमी

बुधवार, 18 फ़रवरी 2009

पत्थर दिल ........की ..........सच्चाई..........

रेत पर नाम लिखते नही /
रेत पर लिखे नाम टिकते नही //
लोग कहते है मुझे पत्थर दिल /
पत्थरो पर लिखे नाम मिटते नही//

मोहब्बत .........का ...हस्र .........

ये खुदा तू कभी इश्कमत करना /
बहुत पछतायेगा /
हम तो मरकर तेरे पास आते है /
सोच तू किधर जाएगा //

दिल से .................दिल तक .........

तुम क्या जानो क्या होती है तन्हाई /
एक टूटे हुए पत्ते से पूछोक्या होती है जुदाई /
यू बेबफाई का इल्जाम न दे दोस्त /
इस बक्त से पूछ बक्त तेरी याद न आई //