बुधवार, 18 फ़रवरी 2009

दिल से .................दिल तक .........

तुम क्या जानो क्या होती है तन्हाई /
एक टूटे हुए पत्ते से पूछोक्या होती है जुदाई /
यू बेबफाई का इल्जाम न दे दोस्त /
इस बक्त से पूछ बक्त तेरी याद न आई //

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