उनकी यादो को दिल से भुला सकते नही /
दिल की बेताबी है की सूरत दिखा सकते नही /
बड़ी ही दिलचस्प है मोहब्बत की मजबुरिया /
सामने मंजिल है पर कदम बड़ा सकते नही //
(अनिरुद्ध प्रताप सिंह दिल्ली )
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